दांडी मार्च और महात्मा गांधी
प्रस्तावना
दांडी मार्च प्रारंभ
दांडी मार्च व दांडी सत्याग्रह
दांडी मार्च व महात्मा गांधी
दांडी मार्च आंदोलन
आंदोलन का प्रभाव
दांडी मार्च व आंदोलन का महत्व
दांडी मार्च स्मारक
उपसंहार

प्रस्तावना- दांडी मार्च जिसे दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है इसकी शुरुआत 1930 में (मार्च-अप्रैल) मोहन दास (महात्मा गांधी) के नेतृत्व में प्रमुख अहिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था सविनय अवज्ञा के एक बड़े अभियान में मार्च पहला कार्य था इसका प्रभाव पूरे भारत में ब्रिटिश के खिलाफ बड़े अभियान के रूप में चला।
दांडी मार्च प्रारंभ- दांडी मार्च व नमक मार्च का प्रारंभ महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्यवाही अभियान के रूप में चलाया गया।
दांडी मार्च व दांडी सत्याग्रह- दांडी मार्च व सत्याग्रह दोनों एक ही है। इसे सविनय अवज्ञा आंदोलन भी कहा जाता है इसका मुख्य उद्देश्य विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर देशी वस्तुओं के प्रयोग पर जोर देना था सविनय अवज्ञा सत्याग्रह के एक बड़े अभियान में मार्च पहला कदम था सत्याग्रह ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान केंद्रित किया।
दांडी मार्च व महात्मा गांधी- दांडी मार्च की शुरुआत ही महात्मा गांधी ने की थी इस दांडी यात्रा का नेतृत्व गांधी जी के द्वारा ही किया गया था महात्मा गांधी का यह आंदोलन ब्रिटिशो के खिलाफ था गांधी जी द्वारा यह एक ऐसी क्रांति थी जो संपूर्ण देश में फैल गई थी इस आंदोलन में लाखों भारतीय शामिल हुए थे।
गांधी जी ने अगस्त 1931 में राष्ट्रवादी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में इस सम्मेलन में हिस्सा लिया यह बैठक निराशाजनक रही लेकिन ब्रिटिश नेताओं ने गांधी जी को एक ऐसी ताकत के रूप में स्वीकार किया जिसे वे ना तो दबा सकते थे और ना ही अनदेखा कर सकते थे।

दांडी मार्च आंदोलन- वर्ष 1929 की लाहौर कांग्रेस ने कांग्रेस कार्य समिति को करों का भुगतान ना करने के साथ ही सविनय अवज्ञा कार्यक्रम शुरू करने के लिए अधिकृत किया 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर देशभक्ति गीत गाए फरवरी 1930 में साबरमती आश्रम में गांधीजी को सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने के लिए अधिकृत किया गया।
गांधी जी द्वारा भारत के वायसराय वर्ष 1926-31 मार्च लार्ड इरविन को अल्टीमेटम दिया कि उनकी न्यूनतम मांगों को नजरअंदाज किया तो सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होगा।
दांडी मार्च आंदोलन 12 मार्च को साबरमती से अरब सागर तक दांडी के तटीय शहर तक 78 अनुयायियों के साथ 241 मील की यात्रा की गई, इस यात्रा का उद्देश्य गांधी और उनके समर्थकों द्वारा समुद्र के जल से नमक बनाकर ब्रिटिश नीति की अवहेलना करना था।
दांडी की तर्ज पर भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा मुंबई और कराची जैसे तटीय शहरों में नमक बनाने हेतु भीड़ का नेतृत्व किया गया यह आंदोलन संपूर्ण देश में फैल गया ब्रिटिश अधिकारियों 60,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया 5 मई को गांधी जी ने गिरफ्तार होने के बाद भी यह सत्याग्रह जारी रखा।
कवियत्री सरोजिनी नायडू द्वारा 21 मई को मुंबई से लगभग 150 मील उत्तर से धरसना नामक स्थान पर 25 लोगों का नेतृत्व किया इस घटना को अमेरिकी पत्रकार वेब मिलर ने भारत में ब्रिटिश नीति के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश उत्पन्न कर दिया।
गांधी जी ने जनवरी 1931 में जेल से रिहा कर दिया गया जिसके बाद उन्होंने भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन से मुलाकात की इस मुलाकात में लंदन में भारत के भविष्य पर होने वाले गोलमेज में सम्मेलन में शामिल होने तथा सत्याग्रह को समाप्त करने की सहमति दी गई।
आंदोलन का प्रभाव- यह आंदोलन सभी प्रांतों में अलग-अलग रूपों में शुरू किया गया और पूर्वी भारत में चौकीदार कर का भुगतान करने से इंकार कर दिया जिसके अंतर्गत नॉर्टेक्स अभियान बिहार में अत्यधिक लोकप्रिय हु। जे.एन.सेनगुप्ता ने बंगाल में सरकार द्वारा प्रतिबंधित पुस्तकों को खुलेआम पढ़कर सरकारी कानूनों की अवेलना की। महाराष्ट्र में वन कानूनों की अवहेलना की गई यह आंदोलन अब उड़ीसा तमिलनाडु आंध्र प्रदेश और असम प्रांतों में आग की तरह फैल गया।
दांडी मार्च व आंदोलन का महत्व- दांडी मार्च आंदोलन का भारतीय को काफी उपयोग जनक साबित हुआ इस आंदोलन के परिणाम स्वरुप भारत में ब्रिटेन का आयात गिर गया कई आंदोलन हुए जिसमें यह आंदोलन अधिक व्यापक था।
जिसमें महिलाओं किसानों,श्रमिकों व छात्रों और व्यापारियों व दुकानदारों जैसे शहरी तत्वों ने बड़े पैमाने पर भागीदारी की अब कांग्रेस को अखिल भारतीय संगठन का स्वरूप प्राप्त हो गया।
इस आंदोलन को कस्बो और देहात थाना में गरीबों तथा अनपढो व भारतीय महिलाओं की बड़ी संख्या में खुलकर भागीदारी उनके लिए वास्तव में मुक्ति का सबसे अलग अनुभव था। इस आंदोलन में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष की प्रगति में महत्वपूर्ण चरण को चिन्हित किया।

दांडी मार्च स्मारक- आज की युवा पीढ़ी के दिमाग से इस घटना और इसके महत्व को बताने के लिए 90 साल पहले हुई इसे ऐतिहासिक यात्रा के केंद्र पर उसने स्मृतियों को सहेजने के लिए एक स्मारक बनाया गया। यात्रियों के केंद्र पर राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक (नेशनल साल्ट सत्याग्रह मेमोरियल) में गांधीजी की अगुवाई में मूल रूप से यात्रा की शुरुआत करने वाले दांडी यात्रा मुखी सिलिकॉन कांस्य प्रतिमाओं व 24 दिनों की संख्या प्रतीक को यात्रा व 24 भित्ति चित्र कई गतिविधियों को जीवंत करने का सार्थक प्रयास हुआ।
पत्थर की दीवार पर सोमलाल, प्रागजीभाई पटेल,आनंद हिंगोरानी, हरि भाई भवानी के अलावा दांडी यात्रा के अलावा 16 वर्षीय विपुल ठक्करे का नाम भी दीवार पर खुदें हैं।
स्मारक में दांडी यात्रियों की सिलिकॉन ब्रांज की 42 मूर्तियां बनाई गई। जिनमें अलग-अलग देशों के मूर्तिकार शामिल थे।
मेमोरियल में गांधीजी की 5 मीटर ऊंची एक प्रतिमा है जिसके हाथ में छड़ी व शाल की प्रत्येक तरह को बड़े कलात्मक रूप में प्रदर्शित किया है।
जो नई दिल्ली के टाउन हॉल में लगी है जमीन से 40 मीटर ऊपर उन हाथों में 25 सेक्टर लंका क्रिस्टल धाम रखा है जो नमक का प्रतीक है स्मारक के भीतर औद्योगिक हीटरो से लैस नमक के 14 बर्तन लगे है इसमें जो समुद्र का पानी डालकर उसे केवल 1 मीटर में नमक बन सकता है। 14000 वर्ग मीटर में बड़ी खारे पानी की कृत्रिम झील तो समुद्र तट का प्रतीक है जहां गांधी जी ने विरोध दर्ज किया था 15 एकड़ की स्मारक के बीचो-बीच बनी है। स्मारक वास्तव में महान घटना के महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि है।
उपसंहार- महात्मा गांधी जी के इस आंदोलन ने पूरे देश को एक अच्छा उपदेश दिया है कि हम बाहरी वस्तुओं का प्रयोग ना करें देश की वस्तुओं का प्रयोग करें जिससे देश के लोगों को भी रोजगार का अवसर मिलेगा बाकी देशों का आयात कम करने की जगह निर्यात किया जाए महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्मारक का उद्घाटन किया था। महात्मा गांधी की 71 पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री ने कहा था। जब “एक मुट्ठी नमक ने अंग्रेजी साम्राज्य को हिला दिया था” इस दांडी मार्च को वर्तमान में “आजादी का अमृत महोत्सव” के रूप में सभी स्कूल व कॉलेजों में मनाया जाता है।
Bhavna Yadav
Originally posted 2021-03-19 05:35:56.