भारत एक ऐसा देश है जहां कुछ भी असंभव नहीं है। इस देश में सभी देवी देवताओं का स्थल है। इसलिए यहां कोई चमत्कार होना कोई आश्चर्य की बात नहीं होती है।
ऐसे ही एक चमत्कारी घटना जिसके बारे में सुनकर किसी का विश्वास कर पाना असंभव है। भारत के पीएम मोदी के गृह नगर गुजरात में एक प्रहलाद नाम के बाबा है। जिन्हें चुनरी वाली माता जी के नाम से जाना जाता है। यह बाबा गुजरात राज्य के छारड़ा गांव में रहते हैं। इनका जन्म 19 अगस्त 1929 को हुआ था। तथा 26 मई 2020 को इनका देहांत हुआ।
नाम | प्रहलाद जानी |
जन्म | 13 अगस्त 1929 |
जन्म स्थान | छारड़ा, मेहसाणा, गुजरात राज्य |
प्रसिद्ध नाम | चुनरी वाली माता जी |
पालक | मगनलाल विध्याधर जानी |
आयु | 90 वर्ष |
मृत्यु | 26 मई 2020 |
बिना अन्नजल ग्रहण | 78 वर्ष |
अवास स्थान | अम्बाजी की गुफा, अहमदाबाद |
एक चिकित्सक | HIV, डायबिटीज, निसंतान को फल इत्यादि बीमारियों का इलाज |
दावा | 2019 राम जन्मभुमि का निर्माण शुरू होगा |
78 साल से भूखे थे:
चुनरी वाली माता जी का कहना था कि वह 78 साल से उन्होनें कुछ खाया पिया नहीं है। आज के इस युग में कोई इनका विश्वास इतनी आसानी से कैसे कर सकता है। जबकि जीवन के लिए मनुष्य के शरीर को भोजन व पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है।
परंतु ऐसा नहीं है इस बात को प्रहलाद बाबा ने सिध्द कर दिया। बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने इस बात को झूठा साबित करने की कोशिश की परंतु कुछ हासिल नहीं कर पाए।
एक अनसुनी कहानी-
बाबा का कहना था कि उन्हें मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त है। बहुत साल पहले उनके पास तीन कन्या के रूप में देवी आई थी। जिन्होंने उनकी जीभ पर अंगुली रखी तब से उनको ना तो भूख लगती है ना प्यास लगती है। इस बात को गलत सिद्ध करने के लिए बाबा को अलग-अलग निगरानी में रखा गया। बाबा के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए परंतु अंत में नतीजा देखा गया की बाबा ने ना तो कुछ खाया ना जल ग्रहण किया। यह बात वैज्ञानिको के लिए एक चुनौती साबित हो गई।
चौंकाने वाली घटना-
बाबा को 10 दिन निगरानी में रखने के बाद उनकी जाँच की गई कि वह स्वस्थ है या नहीं परंतु उनकी रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। बाबा एकदम स्वस्थ थे। बाबा के ब्लडप्रेशर एकदम नाॅमल, सुगर भी ठीक था। बाबा का हमेशा चेकअप किया जाता था। परंतु आज तक उनकी अस्वस्थता की रिपोर्ट नहीं आई। बाबा हमेशा एकदम स्वस्थ पाए गए। डाॅक्टरो का मानना था कि बाबा अपने योग साधना व सूर्य की ऊर्जा से जीवित है। इसी से वह सबकी पूर्ति कर लेते है।
बताई कुछ अलग बात बाबा की-
डाॅक्टर सुधीर शाह ने बताया था की ब्लैडर में बाबा का मूत्र बनता है परंतु जाता कहा है इस बात का पता नहीं चल पा रहा। कोई बिना खाए पिये कैसे रह सकता है। तथा जो हमारी दैनिक क्रिया है मलमूत्र का त्याग करना जैसी क्रिया भी नहीं करते थे। प्रहलाद बाबा जिन्हें चुनरी वाली माता जी कहा जाता है।
कोई भी वृद्धजन 30 से 40 दिन तक भूखा रह सकता है। ऐसा डाॅक्टरो का मानना है। परंतु 78 साल तक बिना खाए पिये जीवित रहना असंभव है, परंतु यह असंभव घटना को संभव किया है भारत देश में रहने वाले प्रहलाद बाबा जी ने जिनका देहांत 26 मई 2020 को हुआ।