(अर्जुन के शोक का कारण) संजय उवाचतं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम् । विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥ (१) भावार्थ : संजय ने कहा – इस प्रकार करुणा से अभिभूत, आँसुओं से भरे हुए…
(योद्धाओं की गणना और सामर्थ्य) धृतराष्ट्र उवाचधर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवःमामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ (१) भावार्थ : धृतराष्ट्र ने कहा – हे संजय! धर्म-भूमि और कर्म-भूमि में युद्ध की इच्छा…